वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019
हाल ही में ‘वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019’ रिपोर्ट जारी की गई है। दुनियाभर के 1,250 विश्वविद्यालयों में शिक्षण, शोध, ज्ञान हस्तांतरण और अंतरराष्ट्रीय संभावना जैसे कुल 13 संकेतकों के अध्ययन के बाद इसे तैयार किया गया है जिसमें भारत के 49 विश्वविद्यालय अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। पिछले साल एक हजार विश्वविद्यालयों की सूची में 42 भारतीय संस्थान शामिल थे। हालांकि विश्व की शीर्ष 250 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में इस बार भी भारत के किसी विश्वविद्यालय को जगह नहीं मिली है।
क्या है
इस अंतरराष्ट्रीय सूची में लगातार तीसरे वर्ष ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी शीर्ष पर रही, जबकि ब्रिटेन की ही कैंब्रिज यूनिवर्सिटीऔर अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी क्रमश: दूसरे और तीसरे पायदान पर रही। भारत की बात की जाए तो भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान बन कर उभरा है। इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर, बॉम्बे और रुड़की शीर्ष 500 बेहतरीन संस्थानों में शामिल हैं जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया की गिनती दुनिया के श्रेष्ठ शीर्ष हजार विश्वविद्यालयों में की गई है।
उच्च शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग
बहरहाल उच्च शिक्षा और रोजगार उन्मुखता के बीच बढ़ती खाई की वजह से हमारी शिक्षा व्यवस्था केवल ‘ग्रेजुएट’ पैदा कर रही है। उसमें इतनी ताकत नहीं कि वह सबके लिए रोजगार सुनिश्चित कर सके। उच्च शिक्षा के गौरव को लौटाने तथा इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर प्रदान करने के लिए जरूरी है कि शिक्षण व्यवस्था से जुड़े तमाम लोग अपना कार्य ईमानदारी से करें। दुनिया भर के उच्च शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग अनेक संगठन जारी करते हैं। ‘वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019’ में भारत के शीर्ष शैक्षिक संस्थानों के बारे में भी जानकारी दी गई है। भारतीय संस्थानों की रैंकिंग बेहतर न होने के अनेक कारण हैं जिन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि हमारे देश में उच्च शिक्षा पर खर्चा बहुत किया जाता है। ऐसे में यह विचारणीय है कि हमारा देश इस मामले में पिछड़ क्यों रहा है जबकि प्राचीन काल में हम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं।
हाल ही में ‘वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019’ रिपोर्ट जारी की गई है। दुनियाभर के 1,250 विश्वविद्यालयों में शिक्षण, शोध, ज्ञान हस्तांतरण और अंतरराष्ट्रीय संभावना जैसे कुल 13 संकेतकों के अध्ययन के बाद इसे तैयार किया गया है जिसमें भारत के 49 विश्वविद्यालय अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। पिछले साल एक हजार विश्वविद्यालयों की सूची में 42 भारतीय संस्थान शामिल थे। हालांकि विश्व की शीर्ष 250 सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची में इस बार भी भारत के किसी विश्वविद्यालय को जगह नहीं मिली है।
क्या है
इस अंतरराष्ट्रीय सूची में लगातार तीसरे वर्ष ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी शीर्ष पर रही, जबकि ब्रिटेन की ही कैंब्रिज यूनिवर्सिटीऔर अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी क्रमश: दूसरे और तीसरे पायदान पर रही। भारत की बात की जाए तो भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु देश का सर्वश्रेष्ठ संस्थान बन कर उभरा है। इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर, बॉम्बे और रुड़की शीर्ष 500 बेहतरीन संस्थानों में शामिल हैं जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया की गिनती दुनिया के श्रेष्ठ शीर्ष हजार विश्वविद्यालयों में की गई है।
उच्च शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग
बहरहाल उच्च शिक्षा और रोजगार उन्मुखता के बीच बढ़ती खाई की वजह से हमारी शिक्षा व्यवस्था केवल ‘ग्रेजुएट’ पैदा कर रही है। उसमें इतनी ताकत नहीं कि वह सबके लिए रोजगार सुनिश्चित कर सके। उच्च शिक्षा के गौरव को लौटाने तथा इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर प्रदान करने के लिए जरूरी है कि शिक्षण व्यवस्था से जुड़े तमाम लोग अपना कार्य ईमानदारी से करें। दुनिया भर के उच्च शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग अनेक संगठन जारी करते हैं। ‘वल्र्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2019’ में भारत के शीर्ष शैक्षिक संस्थानों के बारे में भी जानकारी दी गई है। भारतीय संस्थानों की रैंकिंग बेहतर न होने के अनेक कारण हैं जिन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि हमारे देश में उच्च शिक्षा पर खर्चा बहुत किया जाता है। ऐसे में यह विचारणीय है कि हमारा देश इस मामले में पिछड़ क्यों रहा है जबकि प्राचीन काल में हम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं।
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