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लॉन्च हुआ देश का वजनी सैटलाइट


लॉन्च हुआ देश का वजनी सैटलाइट
देश के सबसे वज़नी सैटलाइट यानी GSAT-11 को लॉन्च कर दिया गया। 5,854 किलोग्राम के इस सैटलाइट को 5 दिसम्बर 2018 को सुबह यूरोपियन स्पेस एजेंसी फ्रेंच गयाना से लॉन्च किया गया। यह एक कम्युनिकेशन सैटलाइट है, जो देश में इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने में मदद करेगा। यह सैटलाइट इतना बड़ा है कि प्रत्येक सोलर पैनल चार मीटर से ज्यादा लंबे है, जो कि एक बड़े रूम के बराबर है। पहले इस सैटलाइट को इस साल की शुरुआत में लॉन्च किया जा रहा था, लेकिन सिस्टम में तकनीकी खामी के शक के चलते भारतीय स्पेस एजेंसी ने इसे चेक करने के लिए फ्रेंच गयाना से अप्रैल में वापस मंगवा लिया। यह फैसला GSAT-6A की असफलता को देखते हुए भी लिया गया था। दरअसल अप्रैल के आसपास ही GSAT-6A अनियंत्रित हो गई थी और 29 मार्च को इसके लॉन्च होने के तुरंत बाद ही संपर्क टूट गया। ऐसे में GSAT-11 को उस वक्त लॉन्च न करने का फैसला किया गया। कई तरह के परीक्षण और जांच के बाद अब जाकर GSAT-11 को लॉन्च कर दिया गया है।

GSAT-11 सैटलाइट की खास बातें 

इस सैटलाइट को इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए गेम चेंजर कहा जा रहा है। इस सैटलाइट के काम शुरू करने के बाद देश में इंटरनेट स्पीड में क्रांति आ जाएगी। GSAT-11 के जरिए हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी। GSAT-11 में 40 ट्रांसपोंडर कू-बैंड और का-बैंड फ्रीक्वेंसी में है। इसकी सहायता से हाई बैंडविथ कनेक्टिविटी 14 गिगबाइट/सेकेंड डेटा ट्रांसफर स्पीड संभव है। इस सैटलाइट की खास बात है कि यह बीम्स को कई बार प्रयोग करने में सक्षम है, जिससे पूरे देश के भौगोलिक क्षेत्र को कवर किया जा सकेगा। इससे पहले के जो सैटलाइट लॉन्च किए गए थे उसमें ब्रॉड सिंगल बीम का प्रयोग किया गया था जो इतने शक्तिशाली नहीं होते थे कि बहुत बड़े क्षेत्र को कवर कर सकें। GSAT-11 में चार उच्च क्षमता वाले थ्रोपुट सैटलाइट हैं, जो अगले साल से देश में हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देंगें। ग्रामीण भारत में इंटरनेट क्रांति के लिहाज से यह सैटलाइट उल्लेखनीय कदम है। 

कितना विशालकाय है यह उपग्रह

5,854 किलोग्राम है जीसैट-11 उपग्रह का वजन04 मीटर हैं इसके हरेक सौर पैनल की लंबाई  36,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर होगा स्थापित15 साल से अधिक होगा इसका जीवनकाल 500 करोड़ रुपये लगभग है इसकी लागत 

ट्रांसपॉण्डर क्या है


विशिष्ट संकेतों को ग्रहण करने के लिए तैयार किया गया विद्युतीय उपकरण है जो स्वचालित रूप से विशिष्ट उत्तर भी भेजता हैसीमित बीम, मजबूत सिग्नल यह भारत की मुख्य भूमि और आसपास के द्वीपों तक सुविधा प्रदान कर सकेगायह कई स्पॉट बीम का उपयोग करता है जो इंटरनेट की गति और संपर्क को बढ़ाएंगे स्पॉट बीम विशेष रूप से केंद्रित संकेत है जो उपग्रह का भौगोलिक क्षेत्र तय करता है बीम अर्थात किरण जितना सीमित होगा, क्षमता उतनी ही ज्यादा होगीपूरे देश को कवर करने के लिए उपग्रह बीम का कई बार प्रयोग करेगा

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Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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