तीन द्वीपों के नाम बदले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने अंडमान और निकोबार के तीन द्वीपों के नाम बदलनेकी 30 दिसम्बर 2018 को घोषणा की। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा यहां तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ पर यह घोषणा की गई। मोदी ने भाषण के दौरान कहा कि रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीपरखा जाएगा, नील द्वीप को अब से शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट, 'फर्स्ट डे कवर और 75 रुपया का सिक्का भी जारी किया। साथ ही उन्होंने बोस के नाम पर एक मानद विश्वविद्यालय की स्थापना की भी घोषणा की। इससे पहले मोदी ने यहां मरीना पार्क का दौरा किया और 150 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यहां उन्होंने पार्क में स्थित नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
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क्या है
यह द्वीप 2004 में आई सुनामी की चपेट में आया था। द्वीप पर प्रचलित संयुक्त परिवार व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के लोग देश के अन्य हिस्सों के लिए नजीर पेश कर सकते हैं। उन्होंने लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है।अंडमान के किसानों के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोकोनट हस्क का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा के इस्तेमाल की महत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ''हम देश को सस्ती और हरित ऊर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कार निकोबार के पर्यावरण का संरक्षण करते हुए सौर ऊर्जा की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है। उन्होंने कहा कि द्वीप पर 300 किलोवॉट तक की सौर ऊर्जा पैदा करने वाली ईकाई स्थापित की जाएगी।केंद्र सरकार ने देश के मछुआरों के कल्याण के लिए 7,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को वित्तीय रूप से सशक्त करना है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि देश का कोई भी कोना और उसके लोग विकास से वंचित ना रहे। कार निकोबार में लोगों की सुरक्षा के साथ सरकार युवाओं के लिए रोजगार, बच्चों के लिए शिक्षा, बुजुर्गों के लिए चिकित्सा देखभाल और किसानों के लिए सुविधाएं सुनिश्चित करने की कोशिशें कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीने अंडमान और निकोबार के तीन द्वीपों के नाम बदलनेकी 30 दिसम्बर 2018 को घोषणा की। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा यहां तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगांठ पर यह घोषणा की गई। मोदी ने भाषण के दौरान कहा कि रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीपरखा जाएगा, नील द्वीप को अब से शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट, 'फर्स्ट डे कवर और 75 रुपया का सिक्का भी जारी किया। साथ ही उन्होंने बोस के नाम पर एक मानद विश्वविद्यालय की स्थापना की भी घोषणा की। इससे पहले मोदी ने यहां मरीना पार्क का दौरा किया और 150 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यहां उन्होंने पार्क में स्थित नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
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क्या है
यह द्वीप 2004 में आई सुनामी की चपेट में आया था। द्वीप पर प्रचलित संयुक्त परिवार व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां के लोग देश के अन्य हिस्सों के लिए नजीर पेश कर सकते हैं। उन्होंने लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है।अंडमान के किसानों के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोकोनट हस्क का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। उन्होंने पर्यावरण के संरक्षण के लिए सौर ऊर्जा के इस्तेमाल की महत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ''हम देश को सस्ती और हरित ऊर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कार निकोबार के पर्यावरण का संरक्षण करते हुए सौर ऊर्जा की संभावनाओं को भी तलाशा जा रहा है। उन्होंने कहा कि द्वीप पर 300 किलोवॉट तक की सौर ऊर्जा पैदा करने वाली ईकाई स्थापित की जाएगी।केंद्र सरकार ने देश के मछुआरों के कल्याण के लिए 7,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस कदम का उद्देश्य किसानों को वित्तीय रूप से सशक्त करना है। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि देश का कोई भी कोना और उसके लोग विकास से वंचित ना रहे। कार निकोबार में लोगों की सुरक्षा के साथ सरकार युवाओं के लिए रोजगार, बच्चों के लिए शिक्षा, बुजुर्गों के लिए चिकित्सा देखभाल और किसानों के लिए सुविधाएं सुनिश्चित करने की कोशिशें कर रही है।
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