ताशकंद समझौता
क्या है ताशकंद समझौता
ताशकंद सम्मेलन सोवियत रूस के प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित किया गया था। यह ताशकंद समझौता संयुक्त रूप से प्रकाशित हुआ था।ताशकंद समझौता (The Tashkent Declaration) भारत-पाकिस्तान के बीच को हुआ एक शांति समझौता था। इसमें यह तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान अपनी-अपनी शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने झगड़ों को शांतिपूर्ण ढंग से तय करेंगे।25 फरवरी 1966 तक दोनों देश अपनी सेनाएं सीमा रेखा से पीछे हटा लेंगे। दोनों देशों के बीच आपसी हितों के मामलों में शिखर वार्ताएं तथा अन्य स्तरों पर वार्ताएं जारी रहेंगी।भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच हुए ताशकंद समझौता के तहत दोनों देशों को जीती हुई भूमि लौटानी पड़ी। यह करार का अहम हिस्सा था।भारत और पाकिस्तान शक्ति का प्रयोग नहीं करेंगे और अपने-अपने झगड़ों को शांतिपूर्ण समाधान खोजेंगे। दोनों देश 25 फ़रवरी, 1966 तक अपनी सेना 5 अगस्त, 1965 की सीमा रेखा पर पीछे हटा लेंगे।इन दोनों देशों के बीच आपसी हित के मामलों में शिखर वार्ता तथा अन्य स्तरों पर वार्ता जारी रहेंगी। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर आधारित होंगे।दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध फिर से स्थापित कर दिए जाएंगे। एक-दूसरे के बीच में प्रचार के कार्य को फिर से सुचारू कर दिया जाएगा।आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों तथा संचार संबंधों की फिर से स्थापना तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान फिर से शुरू करने पर विचार किया जाएगा। ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न की जाएंगी कि लोगों का निर्गमन बंद हो।शरणार्थियों की समस्याओं तथा अवैध प्रवासी प्रश्न पर विचार-विमर्श जारी रखा जाएगा तथा हाल के संघर्ष में ज़ब्त की गई एक दूसरे की संपत्ति को लौटाने के प्रश्न पर विचार किया जाएगा।भारत-पाक के बीच संबंध एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर आधारित होंगे। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध फिर से स्थापित किए जाएंगे।ताशकंद समझौते के बाद पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में ही हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया।
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