भारत सरकार और जेआईसीए ने ऋण समझौता पर हस्ताक्षर
जापान के सरकारी विकास सहायता ऋण कार्यक्रम के अंतर्गत नई दिल्ली में भारत सरकार और जेआईसीए के बीच ऋण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। समझौतों पर वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के अपर सचिव डॉ. सी.एस. महापात्र तथा जापानी अधिकारिक विकास सहायता ऋण पर जेआईसीए, नई दिल्ली के मुख्य प्रतिनिधि श्री कतसुओ मत्सुमोतो ने हस्ताक्षर किए। जापान द्वारा यह ऋण (i) 40.074 बिलियन जापानी येन (लगभग 2470 करोड़ रुपये) की लागत से चेन्नई बाहरी रिंग रोड (चरण-1) के निर्माण के तथा (ii) 15000 बिलियन जापानी येन (लगभग 950 करोड़ रुपये) की भारत में सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में जापान-भारत सहकारी कार्य के लिए है।
क्या है
चेन्नई बाहरी रिंग रोड (चरण-1) निर्माण परियोजना का उद्देश्य चेन्नई महानगर क्षेत्र में बढ़ते यातायात मांग को पूरा करना है, जिसे चेन्नई बाहरी रिंग रोड (सेक्टर-1) बनाकर तथा इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट प्रणालीस्थापित करके किया जा सकता है। इससे यातायात भीड़-भाड़ में कम होगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।भारत में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में जापान-भारत सहकारी कार्यों का उद्देश्य भारत में एसडीजी के प्रोत्साहन में योगदान करना, विशेषकर भारत सरकार के प्रयासों को समर्थन देकर सामाजिक विकास करना और नीति निर्माण तथा क्रियान्वयन व्यवस्था को मजबूत बनाना है।भारत और जापान के बीच 1958 से ही द्विपक्षीय विकास सहयोग का लम्बा इतिहास रहा है। भारत-जापान आर्थिक सहयोग में तेजी से प्रगति हुई है। यह भारत और जापान के बीच रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूत बनाता है।
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