India will set up satellite communication center in space
भारत अंतरिक्ष में उपग्रह संचार केंद्र स्थापित करेगा। इसके लिए इंडियन डेटा रिले सैटेलाइट सिस्टम (आईडीआरएसएस) को लॉन्च करेगा। यह प्रस्तावित मानव अंतरिक्ष मिशन के तहत होगा। ताकि सुदूर संवेदन/पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों के साथ डेटा रिले और संचार लिंक में सुधार किया जा सके। इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने 16 दिसम्बर 2018 को बताया कि दो उपग्रहों वाला आईडीआरएसएस भारत के सुदूर संवेदन/पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों और भूस्थैतिक उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्क 3 (जीएसएलवी-एमके 3) के साथ डेटा रिले व संचार लिंक को जारी रखेगा। जीएसएलवी-एमके-3 2022 में तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में लेकर जाएगा। पहले उपग्रह को अगले साल प्रक्षेपित किया जा सकता है।
क्या है
इसरो प्रमुख ने कहा, मानव अंतरिक्ष मिशन के मामले में संचार लिंक जारी रहना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने वाला रॉकेट बिना लिंक के साथ नहीं जा सकता। मानव अंतरिक्ष मिशन के अलावा आईडीआरएसएस भारतीय दूर संवेदी/भू-अवलोकन और पृथ्वी की निचली कक्षा में अन्य उपग्रहों के साथ संचार लिंक को भी जारी रखेगा।दो आईडीआरएसएस उपग्रह भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाएंगे, जो उपग्रह से उपग्रह संचार और डेटा हस्तांतरण को सुलभ बनाएंगे। आईडीआरएसएस उपग्रह भारतीय दूर संवेदी उपग्रहों की परिक्रमा के करीब 80 फीसदी इलाके को देख सकते हैं। इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित प्रणाली उपग्रहों की निगरानी में जमीनी केंद्रों पर निर्भरता को भी कम करेगी। भारत के पास अंतरिक्ष में सबसे बड़ी दूर संवेदी उपग्रह प्रणाली है।भारत नैनो, सूक्ष्म और कई छोटे उपग्रह छोड़ रहा है। भारत और बाहर जमीनी केंद्रों द्वारा अब इनकी निगरानी की जा रही है। लेकिन जमीनी केंद्रों से भारतीय दूर संवेदी उपग्रहों की दृश्यता 10-15 मिनट से अधिक नहीं है और कुछ मामलों में यह पांच मिनट या उससे भी कम है। आईडीआरएसएस के स्थापित होने से भू-अवलोकन उपग्रहों के साथ निगरानी और संचार के लिए दृश्यता बढ़ेगी।
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