About us

Hello dosto,
                   Mera name hai Bibhash deka. Me assam e hu aur aap ko mere is blogg me daily current affair,news,ssc,railway etc exam ki preapration ke liye post aur pdf milenge....

current affair 2018

भारत से पहले चीन ने मारी बाजी


चीन ने रूस से आयातित उन्नत एस-400 (S-400 Missile Air Defence System) वायु रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण कर लिया है, जिसके लिए अमेरिका से प्रतिबंधों की धमकी पर चिंताओं के बावजूद भारत ने हाल ही में हस्ताक्षर किए हैं। चीनी सेना, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पहली बार इस प्रणाली का परीक्षण किया है, इसकी डिलीवरी रूस ने जुलाई में कर दी थी। चीन और रूस के बीच साल 2014 में इस रक्षा प्रणाली के लिए 3 बिलियन डॉलर में डील हुई थी। भारत को रूसी S-400 Triumf मिसाइल सिस्‍टम की डिलीवरी कब होगी, इसकी कोई तारीख अभी तक सामने नहीं आई है।

क्या है

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स ने पिछले महीने एस-400 का परीक्षण किया था। परीक्षण के दौरान S-400 Triumfवायु रक्षा प्रणाली ने लगभग 250 किलोमीटर दूर 'सिम्युलेटेड बैलिस्टिक लक्ष्‍य' को सफलतापूर्वक नष्‍ट किया। ये लक्ष्‍य की ओर 3 किलोमीटर प्रति सेकंड की सुपरसोनिक गतिसे आगे बढ़ा। हांगकांग-स्थित दक्षिण चीन मॉर्निंग पोस्ट ने 26 दिसम्बर 2018 को रूसी मीडिया रिपोर्टों के हवाले से ये जानकारी दी। हालांकि परीक्षण के स्थान का खुलासा नहीं किया गया है। भारत ने रूस के साथ हथियारों की खरीद पर अमेरिकी कांग्रेस द्वारा काउंटरिंग अमेरिका के सलाहकारों के माध्यम से प्रतिबंध अधिनियम (CAATSA) के तहत प्रतिबंधों की धमकी के बावजूद इस वर्ष अक्टूबर में इस प्रणाली को खरीदने के लिए 5 बिलियन अमेरिकी डालर के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत चाहता है कि लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली हमारे वायु रक्षा तंत्र को मजबूत करे, खासकर 3488 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर इसको तैनात किया जाए।एस-400 को रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली के रूप में जाना जाता है। इस घातक मिसाइल प्रणाली की खरीद के लिए 2014 में रूस के साथ इस सौदे को सील करने वाला चीन पहला विदेशी खरीदार था। इसके बाद तुर्की और भारत ने भी इस मिसाइल सिस्‍टम के लिए रूस से सौदा किया। एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम एक साथ तीन तरह की मिसाइल दागने में सक्षम है। यह मिसाइल सिस्टम एक साथ 36 लक्ष्यों को भेद सकती है।यह मिसाइल प्रणाली 400 किमी दूर तक मौजूद दुश्मन के विमान, मिसाइल और यहां तक कि ड्रोन को भी मार गिराने में सक्षम है। यह प्रणाली एस 300 मिसाइल का ही उन्नत रूप है। ये रूस की नई पीढ़ी का एंटी एयरक्राफ्ट वेपन है जिसे रूसी एल्मेज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने विकसित किया है। इस मिसाइल सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे सभी तरह के एरियल टारगेट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह मिसाइल प्रणाली किसी भी हवाई हमले को 400 किमी की रेंज मेंऔर 10,000 फीट की ऊंचाई तक सटीक हमला कर सकती है।हवा में (एयरोडाइनिमिक) लक्ष्यों के लिए रेंज- 3 किमी से 240 किमी की दूरी तय है। प्रक्षेपित (बैलिस्टिक) लक्ष्यों के लिए रेंज- 5 किमी से 60 किमी की दूरी तय है। मिसाइल सिस्टम की अधिकतम रफ्तार 4.8 किलोमीटर प्रति सेकंड तक है। 10,000 फीट (30 किमी) की ऊंचाई तक निशाना साध सकता है। इसकी तैनाती में 5 से 10 मिनट तक का समय लगता है। इसकी तय करने दूरी अमेरिका के एमआईएम-104 से दोगुनी है। इसका मुख्य काम दुश्मनों के स्टील्थ विमान को हवा में उड़ा देना है।जहां तक एस-400 की बात है तो रूस ने इसको अपनी सेना में वर्ष 2007 में शामिल किया था। नाटो में इसका नाम SA-21 Growlerहै। इसके अलावा सीरिया में भी रूस ने इसको तैनात किया हुआ है। एस प्रणाली पर सिर्फ भारत और चीन की ही निगाह नहीं है बल्कि दूसरे देश भी इसको खरीदने के इच्‍छुक हैं। तुर्की ने भी इसको लेकर रूस से समझौता किया हुआ है। दोनों देशों के बीच यह समझौता वर्ष 2016 में हुआ था। इसके बाद इसकी डिलीवरी को लेकर हाल ही में दोनों देशों के राष्‍ट्राध्‍यक्षों के बीच वार्ता हुई है। इसके मुताबिक रूस ने तुर्की को इसकी पहली डिलीवरी वर्ष 2019 में करने की बात कही है। हालांकि वार्ता के दौरान तुर्की के राष्‍ट्रपति रसैप तैय्यप इरोदगन ने व्‍लादमीर पुतिन ने इसकी डिलीवरी जल्‍द कराने का अनुरोध किया है।

SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment